शनि के उपाय जानने से पहले यह बात ध्यान में रखना आवश्यक है कि शनि को शांत करना उतना आसान भी नही। न्याय के देवता शनि अपना असर दिखाएंगे। न्याय के देवता कर्म के अनुसार ही दंड देने वाले बताए जाते हैं, किंतु कुछ ऐसे भी शनि के उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप साढ़े साती और अढैया में भी उनके शुभ दृष्टि के पात्र बन सकते हैं। यहां हम आपको शनि की कुदृष्टि से बचने और उन्हें प्रसन्न करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं।
शनि को प्रसन्न करने के उपाय
1. सबसे पहले तो हर शनिवार को शनि देव की पूजा प्रारंभ करें और उन्हें नियमानुसार तिल और तेल चढ़ाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह उपाय सर्वाधिक सरल और उत्तम बताया गया है।
2. इन्हें अत्यधिक क्रूर देवता भी माना जाता है, दंड देने वे किसी भी तरह का दया भाव नही दिखाते। शनि की साढ़े साती या महादशा चल रही है तो शनिवार को शुद्ध तेल का दान करें।
3. शनिदेव को उनके दस नामों के साथ जाप करके भी प्रसन्न किया जा सकता है। यह दस नाम हैं। कोणस्थ,पिंगल,बभ्रु,कृष्ण,रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर,मंद व पिप्पलाद।
4. पीपल के पेड़ में विष्णु का वास माना गया है। अतः हर शनिवार को पीपल के पेड़ की जड़ों में जल अर्पित करें एवं शाम के समय दीपक जलाएं।
5. शनिदेव को नीले-काले रंग का फूल चढ़ाएं। ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें। यह आपके मन को भी शांति प्रदान करेगा।
6. काले चने चढ़ाना भी उर्पयुक्त उपाय बताया गया है। इसके अलावा आप सरसों के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।
7. समुद्री नाव की कील या काले घोड़े की नाल से लोहे की अंगूठी बनवाकर उसे मध्यमा अंगुली में धारण करें। इससे पहले उसे तिल के तेल में रखकर शनि मंत्र का जाप करें।
उपरोक्त शनि को प्रसन्न करने के 7 उपाय के अलावा शनि की कृपा पाने के 6 उपाय और नीचे बता रहा हूँ। जो सामान्य जीवन में सरलता से अपनाए जा सकते हैं और शनि देव की कृपा आसानी से पाई जा सकती है।
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शनि की कृपा पाने के 6 उपाय
पहला उपाय है अपने अभिमान को कम कर दे ।
दूसरा है कोई भी गलत काम न करे । वर्ना फल तुरंत और अधिक मिलेगा ।
तीसरा है चाहे जो भी काम मेहनत लगा कर करें।
चौथा है औरतो का सम्मान कीजिए और खास कर अपनी माँ को किसी भी तरह से दुखी मत करें ।
पाँचवा उपाय जुआ से दूर रहिये और शराब से भी ।
छठा उपाय है शनि मंदिर जाइये , छाया दान कीजिये ।
सुंदर काण्ड का पाठ करये ।
ये थे शनि के 6 उपाय जिनको कर लिया तो शनि देव की अपार कृपा के पात्र हो जाएँगे और शनि देव कभी भी परेशान नहीं करेंगे।
शनि के भय से बचने का आसान व अचूक उपाय
नेगेटिव सोच से बचें। सबसे सरल व अचूक शनि का उपाय है कि आप नेगेटिव ना सोचें चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो।
निषेधात्मक चिंतन मनुष्य का निरंतर रक्त सुखाता है और उसकी शक्तियों को अकारण ही अनावश्यक रूप से नष्ट करता है । हमें इन मानसिक दुर्बलताओं से बचने के लिए प्रयत्न करना चाहिए ।अपने स्वभाव को “शौर्य,” “साहस” से भरा-पूरा बनाना चाहिए, “निर्भयता” अपनानी चाहिए और “हिम्मत” रखनी चाहिए ।यदि कभी कोई विपत्ति आएगी तो अपने पराक्रम से उसका सामना करेंगे । सज्जनों की सद्भावना तथा ईश्वर की सहायता मिलेगी और बेड़ा पार हो जाएगा ।इतने पर भी कुछ भुगतना पड़ा तो बहादुरों की तरह उसका हँसते-हँसते सामना करेंगे ।दूसरों से लड़ने मरने वाली बहादुरी की तो कभी-कभी आवश्यकता पड़ती है, पर अपने को भीरुता से बचाने और साहसी बनाए रहने वाली वीरता की अपेक्षा तो हर मनुष्य को हर घड़ी रहती है । उसका संचय करना ही चाहिए ।
“निर्भय” मनुष्य स्वयं “बहादुरी” के साथ शानदार जीवन जीता है और अपने साथियों की भी हिम्मत बढ़ाता रहता है । इसके विपरीत डरपोक अपनी कुकल्पनाओं से अपने को भयभीत रखता है और साथियों में भी ऐसी ही भीरूता, आशंका भरी कुकल्पना उत्पन्न करता है । आलस्य, प्रमाद, भय, संदेह, आशंका, निराशा, चिंता जैसी कितनी ही बुरी आदतें मनुष्य की स्वाभाविक शक्ति का बहुत बड़ा अंश नष्ट करके उसे दीन-दुर्बल बनाती चली जाती है । उन्हें अपने स्वभाव का अंश नहीं बनने देना चाहिए और यदि वे आदत में सम्मिलित हो गई तो *प्रयत्नपूर्वक उन्हें हटाकर साहसिकता, स्फूर्ति, आशा की सत्प्रवृतियाँ अपनाने का अभ्यास करना चाहिए ।
अगर आप निषेधात्मक चिंतन से बच गये तो शनि देव आपका कुछ नहीं बिगाड़ेंगे।
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