राहु की महादशा के परिणाम और उपाय

राहू मूलतः छाया ग्रह है, फिर भी उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना जाता है।यह आर्द्रा, स्वाति एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है।राहुकी दृष्टि कुंडली के पंचम, सप्तम और नवम भाव पर पड़ती है। जिन भावों पर राहु की दृष्टि का प्रभाव पड़ता है, वे राहु की महादशा में अवश्य प्रभावित होते हैं।

राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है। राहु में राहु की अंतर्दशा का काल 2 वर्ष 8 माह और 12 दिन का होता है। इस अवधि में राहु से प्रभावित जातक को अपमान और बदनामी का सामना करना पड़ सकता है। विष और जल के कारण पीड़ा हो सकती है।विषाक्तभोजन, से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसके अतिरिक्त अपच, सर्पदंश, परस्त्री या पर पुरुष गमन की आशंका भी इस अवधि में बनी रहती है।अशुभ राहु की इस अवधि में जातक के किसी प्रिय से वियोग, समाज में अपयश, निंदा आदि की संभावना भी रहती है। किसी दुष्ट व्यक्ति के कारण उस परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

प्रेमियों के ऊपर जब राहु की महादशा आती है ,तो प्रेमिका बिछड़ जाती है या प्रेमी छूट जाता है, पति-पत्नी के बीच में राहु की महादशा तलाक करवा देती है, बहुत ज्यादा राहु खराब होने पर व्यक्ति की दुर्घटना द्वारा अंग भंग या अंग कट जाता है ,क्योंकि राहु स्वयं कटाहुआ है स्वर भानु नाम के राक्षस को अमृत पान करते समय विष्णु भगवान ने मोहिनी रूप में सुदर्शन चक्र से काट दिया था धड़ राहु बना और बाकी का निचला हिस्सा केतु कहलाया।

मैं यहाँ साफ़ करना चाहूँगा, कि राहू की महादशा सिर्फ़ बुरी चीज़ों और बुरे अनुभवों के बारे में नहीं है। राहु एकमात्र ऐसा ग्रह है जो अकेले ही आपको अत्यधिक धन दे सकता है, जो आपको जीवन में सबसे अधिक अविश्वसनीय चीजों को प्राप्त करने में मदद करता है।रातोंरात अमीर बनने की इच्छा रखने वाले लोग, राहु की अवधि के दौरान अमीर बन गए हैं। राहु एक ऐसा ग्रह है, जो आपको कुछसंभावनाओं से जोड़े रखता है और जो कुछ भी आप प्राप्त करना चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए कई तरीके निकालता है।

मैं पढ़ने वाले सभी लोगों के लिए एक बात उजागर करना चाहता हूं। शारीरिक पीड़ा की तुलना में राहु की अवधि में मानसिक पीड़ा अधिक प्रमुख हो जाती है।राहु की अवधि के दौरान लोगोंको जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उनमें से एक यह है कि वे मानसिक रूप से स्थिर महसूस करने में विफल होते हैं।

राहु की महादशा में जातक का इस डर में जीना कि कोई न कोई बात गलत हो सकती है। जब महत्वपूर्ण चीजों के संबंध में निर्णय लेने की बात आती है तब गंभीर भ्रम की स्थिति में रहता है। ओसीडी, दिवास्वप्न जैसे मानसिक विकारों का हो जाना, अज्ञात भय पर संदेहकरना जैसे कि भूत और आत्माओं के बारे में बात करना। सोशल मीडिया और चैटिंग में बहुत अधिक समय बिताना या बहुत से लोगों सेबात करना ।

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राहु की महादशा के कुछ ओर परिणाम

1. अगर राहु जन्म कुंडली में बहुत अच्छी जगह पर स्थित है बलवान है विशेष प्रभावशाली है तो राहु की महादशा समय अवधि में व्यक्ति लाखोंकरोड़ों कमाता है, बहुत सारे राजनेताओं की कुंडली में राहु की महादशा में ही उन्होंने खूब तरक्की की है

2. जिसकी भी जन्म कुंडली में राहु खराब खान पर बैठा है, उसे राहु की महादशा रास नहीं आती है राहु की महादशा में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

3. अगर राहु अच्छा होगा तो राहु की महादशा बढ़िया होगी

4. अगर राहु खराब होगा तो राहु की महादशा में व्यक्ति को बहुत सारा कष्ट होगा।

5. राहू इन्सान को उसके लक्ष्य से भटका देता है।

6. प्रयास, मेहनत कर के भी उसको मेहनत के बराबर फल नहीं मिलता।

7. जॉब या कारोबार सेट भी हो जाये परंतु कुछ महिनो मे आदमी वो छोड देता या जॉब या कारोबार मे इतना घाटा होता है के वो न चाहते हुए भी सब बन्द कर देता है।

8. राहु से प्रभावित व्यक्ति नशा करना प्रारंभ कर देता है।

9. बदमाश लोग ठग लेते है।

10. योग्यता होते हुए भी व्यक्ति काम धंधा छोड़ कर खाली बैठ जाता है

11. राहु छाया ग्रह है, राहु के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति के दो दिमाग के अलावा तीन दिमाग अनावश्यक कार्य करने लगते हैं जिसके कारण व्यक्ति दिन भर समस्याओं के बारे में सोचता रहता है

12. रात में भी उसे नींद नहीं आती क्योकि राहु सोच है जब व्यक्ति सोचना बंद करे तो नींद आये ।

13. राहु की महादशा के साथ राहु की अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा पर भी ध्यान देना अति आवश्यक है, राहु जब भी महादशा अंतर या प्रत्यंतर में एक्टिव होता है तब जेल योग का निर्माण होना संभव है या वो व्यक्ति जब भी कुछ काम करने जाता है उसके कार्य पूर्ण नहीं हो पाते है।

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राहु की महादशा के उपाय:

राहु हमारे समाज में प्रतिनिधित्व करता है गरीब, असहाय लोगों को:

• कोई वृद्ध जिसके बेटे ने घर से निकाल दिया, वो राहु है।

• कोई अपंग जो दूसरों के सहारे चलता हो, वो राहु है।

• कोई गरीब जिसे दो वक्त की रोटी नसीब ना हुई हो, वो राहु है।

• कोई बीमार व्यक्ती जिसे अस्पताल में देखने वाला कोई ना हो, वह भी राहु है।

बस ऐसे लोगों को ढूंढे, और उन्हें कुछ भेंट करें, हो सके तो कुछ भोजन, कुछ कपड़े, सम्भव हो तो कुछ पैसे या एक किलो फल ही खरीद कर दे दीजिए।

अगर समय निकाल सकें तो उनके पास बैठें भी, उनसे बात करें, उनका दुख सुनें, उनका मन हल्का करें। बस इतना करें तो राहु प्रसन्न हो जाएंगे.. और उनकी महादशा- अंतर्दशा अच्छे परिणाम देने लगेगी।

• सबसे अच्छा उपाय है अपने बुध को मजबूत करिए।जिससे राहु आपका, आपके ही द्वारा अनिष्ट ना करवाएं। उसके लिए बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करें उन्हें दूव घास अर्पित करें।

• भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करें।

• एक नारियल पानी वाला और कुछ बादाम लेकर जल प्रभाव करते रहे

• भगवान शिव के रौद्र अवतार भगवान भैरव के मंदिर में रविवार को तेल का दीपक जलाएं।

• शराब का सेवन कतई न करें।

• लावारिस शव के दाह-संस्कार के लिए शमशान में लकड़िया दान करें।

• अप्रिय वचनों का प्रयोग न करें।

• राहु की महादशा में गोमेद धारण कर सकते हैं

• प्रत्येक बुधवार को स्वीपर को चाय (चाय के पैकेट) दान करें ।

सामाजिककरण करें, अपनी रुचि के कुछ पढ़ें, और हर रोज अच्छा संगीत सुनें। मानसिक व्यायाम, कुछ खेल खेलना, तैरना या बस टहलना एक ऐसी चीज़ है जो आपकी महादशा के दौरान राहु के कारण होने वाले गंभीर नुकसान को शांत करने में मदद कर सकती है।

राहु का अत्यंत चमत्कारी उपाय

राहु को सर्प माना गया है इसके लिए मैं आपको एक अनोखा चमत्कारी उपचार बता रहा हूं जो नियमित रूप से करके देखें आपको स्वत: आभास हो जाएगा किसी भी अन्य उपाय , अनुष्ठान को आप करना चाहे बिल्कुल करें ,लेकिन यह प्रयोग आप पर्सनली करके देख ले ।

सबसे पहले शनिवार से शिवजी पर जल, दूध में काला तिल, जल बेलपत्र चढ़ाकर ओम नमः शिवाय का मात्र 11 बार जप करना है ,जल पात्र तांबे का होना चाहिए जिसमें आप कुशा डालकर जल इस प्रकार से शिवजी पर डालें जिससे कुशा से होते हुए पानी शिवजी के ऊपर गिरे, ध्यान रखें सबसे पहले घर से बाहर शिव मंदिर में शिवजी पर जल फिर दूध में काला तिल फिर जल फिर बेलपत्र चढा करके ओम नमः शिवाय का 11 बार जप रोज करें प्रतिदिन प्रातः 8:00 के पहले शुरुआत शनिवार से ही होगी कम से कम 40 दिन करके देख ले ।

मेरा 20 वर्ष का अनुभव है जब भी मैंने यह कराया है और कुछ ही दिन में चमत्कारी रिजल्ट प्राप्त हुआ है। बस इतना ध्यान रखें कि उपरोक्त शिवजी की पूजा घर से बाहर शिवजी के मंदिर में ही संभव है

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