ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare)

दुनियाँ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा सन् १८७० में लिखी गई थी। यह आरती मूलतः भगवान विष्णु की आरती है । इस आरती को किसी भी पूजा, उत्सव पर गाया  जाता हैं। कुछ भक्तों…

ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम् (Rina Vimochana Nrisimha Stotram)

श्री लक्ष्मी नृसिंह सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र। देवकार्य सिध्यर्थं सभस्तंभं समुद् भवम ।श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ लक्ष्म्यालिन्गितं वामांगं, भक्ताम्ना वरदायकं ।श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ अन्त्रांलादरं शंखं, गदाचक्रयुध धरम् ।श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ स्मरणात् सर्व पापघ्नं…

श्री नृसिंह कवच (Shri Narasimha Kavacham)

नृसिंह कवचम वक्ष्येऽ प्रह्लादनोदितं पुरा ।सर्वरक्षाकरं पुण्यं सर्वोपद्रवनाशनं ॥ सर्वसंपत्करं चैव स्वर्गमोक्षप्रदायकम ।ध्यात्वा नृसिंहं देवेशं हेमसिंहासनस्थितं॥ विवृतास्यं त्रिनयनं शरदिंदुसमप्रभं ।लक्ष्म्यालिंगितवामांगम विभूतिभिरुपाश्रितं ॥ चतुर्भुजं कोमलांगम स्वर्णकुण्डलशोभितं ।ऊरोजशोभितोरस्कं रत्नकेयूरमुद्रितं ॥ तप्तकांचनसंकाशं पीतनिर्मलवासनं ।इंद्रादिसुरमौलिस्थस्फुरन्माणिक्यदीप्तिभि: ॥ विराजितपदद्वंद्वं शंखचक्रादिहेतिभि:।गरुत्मता च विनयात स्तूयमानं मुदान्वितं ॥ स्वहृतकमलसंवासम…

नपुंसक योग: कैसे बनता है कुंडली में नपुंसक योग?

नपुंसक योग –: जब दो या दो से अधिक ग्रहों का परस्पर संबंध बनता है उसे योग कहा जाता है और जैसा कि हम जानते हैं कि ज्योतिष में अनेकों योग बनते हैं। इसी श्रृंखला में आज हम जन्म कुंडली…

ललिता सहस्रनाम स्तोत्र

ललिता सहस्रनाम – देवी भगवती के एक हज़ार नाम ललिता सहस्रनाम स्तोत्र ‘ब्रह्माण्ड पुराण’ से लिया गया है। ललिता सहस्त्रनाम तीन भागों में विभाजित किया गया है – • पूर्व भाग – जिसमें सहस्रनाम के उत्पत्ति के बारे में बताया…

महा सुदर्शन मंत्र

जो लोग महा सुदर्शन मंत्र का जाप करते हैं वे भगवान विष्णु के साथ-साथ सुदर्शन चक्र को भी अपनी प्रार्थना अर्पित करते हैं, इसलिए सुदर्शन चक्र का प्रत्येक भाग व्यक्ति के पक्ष में काम करना शुरू कर देता है।  महा…

करना है अगर हृदय मजबूत, पाना चाहते हैं सूर्यदेव की कृपा तो आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra) का पाठ करें

वाल्मीकि रामायण के अनुसार “आदित्य हृदय स्तोत्र” अगस्त्य ऋषि द्वारा भगवान् श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्ति हेतु दिया गया था। आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ नियमित  करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है। मानसिक कष्ट, हृदय रोग, तनाव,…

शुक्र की महादशा का प्रभाव | व्यक्ति बन जाता है रंक से राजा

नौ ग्रहों में सर्वाधिक चलने वाली दशाशुक्र ग्रह  की महादशा 20 साल की होती  है। इसलिए शुक्र की महादशा का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर 20 साल  तक रहता है। आइए पहले हम शुक्र ग्रह की प्रकृति को समझे और…

कुंडली के 11वें भाव में स्थित ग्रह का प्रभाव क्या होता है | क्या कहता है कुंडली का 11वां भाव

हम जानते हैं कि ज्योतिष एक अथाह विषय है। जितना जानो उतना कम है। अतः आज हम कम शब्दों में जानेंगे कि कुंडली के 11वें भाव में स्थित ग्रह का प्रभाव क्या होता है और  कुंडली का 11वां भाव क्या…

विष्णु सहस्त्रनाम – श्रीहरि विष्णु के 1,000 नाम | Vishnu Sahastranaam

भगवान विष्णु के 1000 नामों, विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu 1000 Names) की महिमा का वर्णन करना कठिन है।  विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के फायदेBenefits of Vishnu Sahastranaam विष्णुसहस्रनाम के नित्य पाठ करने से सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता, सफलता, आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्त…