ज्योतिष विज्ञान है ज्योति का। बहुत ही विराट और सूक्ष्म विज्ञान है। कोई भी ज्योतिष 100% सत्य नही बता सकता क्योंकि ज्योति का ज्ञान, पूर्ण किसी को नही होता। अतः प्रकृति और पुरुषार्थ से ही जीवन बनता है। सबसे महत्वपूर्ण 2021 की भविष्यवाणी यही है कि राजा पर समय भारी पड़ेगा। आज हम और आप जो सोच भी नही सकते वह भविष्य में घटित होने की भरपूर संभावना है।
मेरी ज्योतिषीय गणना, अंतर्ज्ञान, ग्रह गोचर, कालचक्र तथा कालपुरुष की गणना व 2021 की भविष्यवाणी के अनुसार भारतवर्ष के राजा की कुंडली के अष्टकवर्ग में तुला राशि के मंगल में शून्य का अंक है जिसका प्रभाव राजा के जीवन पर 24 अक्टूबर से शुरू होगा। हालांकि मंगल 22, अक्टूबर ,2021 को तुला राशि मे प्रवेश करेंगे, लेकिन परिस्थियां तो 24 अगस्त से ही बननी शुरू होंगी जो 24, अक्टूबर, 2021 को फलीभूत होंगी।
तो जाहिर है 24 अक्टूबर से राजा को सावधान रहना अति आवश्यक है क्योंकि अष्टकवर्ग में शून्य अंक सबसे नीच का माना जाता है। राजा की कुर्सी भी जा सकती है। कारण चाहे जो हो, अपनो का धोखा या अपने आप हृदय परिवर्तन हो कुर्सी छोड़ के चले जाना। सिर्फ राजा के पुण्य ही काम आएंगे यानी यह उनके पुण्य के फल की परीक्षा होगी। राजा के पुण्य ही अब इस कुंडली के शून्य को बदलने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन मुझे यह सम्भव नही लग रहा। यानी अचानक योगायोग ऐसे बनेगे की राजा को जाना ही होगा।
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आज ऐसी कोई परिस्थियां नही है कि कोई सोचे की आगामी दो माह में राजनीतिक उठापठक हो सकती है, लेकिन यह होगा, ऐसा मेरा मत है।
जनवरी , 2022 के बाद भारत वर्ष समेत सम्पूर्ण विश्व के लिए बहुत ही चुनौती भरा समय होने वाला है। केवल पूण्य आत्मा ही चुनौती का सामना धैर्यपूर्वक कर पाएंगी। मेरी सलाह होगी कि सभी लोग अधिक से अधिक पुण्य कर्म में ही संलग्न रहें। एकमात्र बचाव वही है।
अच्छी सोच, अच्छे संस्कार, मां, बाप और बुजुर्गों की सेवा, स्त्री का सम्मान , सही जगह पर दिया हुआ दान आदि कुछ पुण्य कर्म के उदाहरण हैं। जिनका भरपूर प्रयोग ही 2022 में सरलता से जीवन को आगे बढ़ाएगा।
2021 की भविष्यवाणी को अपने जेहन में रखना क्योकि केवल दो माह के बाद के हालात ही मैंने बयां किये हैं और दो माह तो यूँ बीत जाते हैं।
यह 2021 की भविष्यवाणी मेरे निजी मत, निजी ज्ञान और निजी गणना का परिणाम है। 2021 की भविष्यवाणी को अपनी बुद्धि व विवेक का प्रयोग करते हुए ही विचारें।
सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो। मेरे पुण्य कर्मों का फल इस जगत के सभी प्राणियों को मिले। शुभम भवतु…. शुभम भवतु।