हमारे मन में अक्सर यह दुविधा रहती है की कौनसा रुद्राक्ष धारण करें , रुद्राक्ष की माला शुभ है या रुद्राक्ष का ब्रेस्लेट?आज आपकी इसी समस्या के समाधान के साथ साथ यह भी जानेगे की रुद्राक्ष का महत्व क्या है।
रुद्राक्ष के पेड़ भारत के उत्तर पूर्व , नेपाल और इंडोनेशिया में प्रचुर मात्रा में पाये जाते है।रुद्राक्ष का अर्थ है ,रुद्र अर्थात शिव,अक्ष अर्थात आँसू। रुद्राक्ष को उनके मुख के हिसाब से वर्गीकृत किया जाता है। एक से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष पाये जाते हैं। अब जानते है 1 से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष का ग्रहो से क्या संबंध है:-
1. सूर्य के लिए एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी प्रकार के सुख,मोक्ष और प्रगति की प्राप्ति होती है।
2.चंद्र के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है और दामपत्य जीवन मे सुख-शांति बनी रहती है।
3.मंगल ग्रह के लिए तीन मुखी अथवा ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी सांसारिक सुख भोगने और ऐश्वर्य प्राप्ति में सहायता मिलती है।
4.बुध के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष आदि की प्राप्ति होती है।
5.गुरु ग्रह के लिए पांच मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जिससे की सभी सुखों की प्राप्ति के साथ कामवासना पर भी विजय प्राप्त होती है।
6.शुक्र के लिए छह मुखी अथवा तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे सभी पापा से मुक्ति मिलती है साथ ही श्रेष्ठ संतान प्राप्त होती है।
7.शनि के लिए सात मुखी अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे ग़रीबी यानी हर प्रकार की दरिद्रता दूर होती है।
8⃣राहु के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे लंबी आयु प्राप्त होती है , दुर्घटना से बचाव होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
9⃣केतु के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है जिससे जातक मृत्यु के भय से मुक्त होता है।
रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
दसमुखी रुद्राक्ष
शांति एवं सौंदर्य प्रदान करने वाला होता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
विजय दिलाने वाला, ज्ञान एवं भक्ति प्रदान करने वाला होता है।
बारह मुखी रुद्राक्ष
धन दायक होता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष
शुभ व लाभ प्रदान कराने वाला होता है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष
संपूर्ण पापों को नष्ट करने वाला होता है।
रुद्राक्ष कैसे धारण करें | रुद्राक्ष धारण करने की विधि
रुद्राक्ष धारण करने के लिए श्रावण अर्थात् सावन मास सर्वोत्तम होता है। सर्वप्रथम रुद्राक्ष का जल से अभिषेक करें। तत्पश्चात् पंचामृत से अभिषेक कर पुन: शुद्ध जल से स्नान कराकर शुद्ध करें। उसके उपरांत रुद्राक्ष की पंचोपचार पूजा कर शिवलिंग पर अर्पण कर निर्माल्य रूप में स्वयं धारण करें।
कमजोर ग्रह को कैसे मज़बूत करें
कुंडली में दोष से मुक्ति हेतु रुद्राक्ष:-
1.शकट योग– दो एवं दस मुखी रुद्राक्ष सफ़ेद या पीले धागे में सोमवार या गुरुवार को धारण करें।
2.केमद्रुम योग– दो मुखी रुद्राक्ष सफ़ेद धागे में सोमवार को धारण करें।
3.ग्रहण योग– सूर्य से बनने वाले ग्रहण योग के लिए एक मुखी, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में रविवार को धारण करें तथा चन्द्र से बनने वाले ग्रहण योग के लिए दो मुखी, आठ व नौ मुखी रुद्राक्ष सफ़ेद धागे में सोमवार को धारण करें।
4.मंगल दोष के लिए तीन या ग्यारह मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में मंगलवार के दिन धारण करें।
ऊपर बताये तरीक़े से आप जान चुके हैं कि कौनसा रुद्राक्ष कैसे पहनें ताकि ज़्यादा से ज़्यादा भगवान शिव की कृपा प्राप्त कि जा सके।