राहु क्या फल देता है | राहु क्या करता है | राहू को समझें

आज हम विस्तार से जानेंगे की कुंडली में ख़राब या बली राहु क्या फल देता है।राहु जातक को क्या फल देता है। क्या सच में राहु से डरना चाहिए या कलयुग में वरदान है राहु।

वैदिक ज्योतिष में राहु को मायावी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है तथा मुख्य रूप से राहु मायावी विद्याओं तथा मायावी शक्तियों के ही कारक माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त राहु को बिना सोचे समझे मन में आ जाने वाले विचार, बिना सोचे समझे अचानक मुंह से निकल जाने वाली बात, क्षणों में ही भारी लाभ अथवा हानि देने वाले क्षेत्रों जैसे जुआ, लाटरी, घुड़दौड़ पर पैसा लगाना, इंटरनैट तथा इसके माध्यम से होने वाले व्यवसायों तथा ऐसे ही कई अन्य व्यवसायों तथा क्षेत्रों का कारक माना जाता है।

नवग्रहों में यह अकेला ही ऐसा ग्रह है जो सबसे कम समय में किसी व्यक्ति को करोड़पति, अरबपति या फिर कंगाल भी बना सकता है तथा इसी लिए इस ग्रह को मायावी ग्रह के नाम से जाना जाता है। अगर आज के युग की बात करें तो इंटरनैट पर कुछ वर्ष पहले साधारण सी दिखने वाली कुछ वैबसाइटें चलाने वाले लोगों को पता भी नहीं था की कुछ ही समय में उन वैबसाइटों के चलते वे करोड़पति अथवा अरबपति बन जाएंगे। किसी लाटरी के माध्यम से अथवा टैलीविज़न पर होने वाले किसी गेम शो के माध्यम से रातों रात कुछ लोगों को धनवान बना देने का काम भी इसी ग्रह का है।

महावीर कहलाने वाले, वीर चक्र प्राप्त करने वाले और युद्ध प्रेमी जातकों की कुंडली में राहु बलवान होता है। राहु अक्सर लोगों के आवास, उद्देश्य और मित्रों में परिवर्तन लाता है। स्वार्थ की भावना अधिक होने से यह शत्रुता में बढ़ोत्तरी करता है। राहु का प्रभाव जिन पर होता है वे आत्मविश्वास से भरपूर, बहादुर और निडर होते हैं। राहु जब बुध की राशि में होता है तब अधिक बलशाली हो जाता है।

राहु कन्या राशि में बलवान होता है। राहु की खुद की कोई राशि नहीं होती, इसलिए वह जिस भी स्थान में होता है उस स्थान के अधिपति जैसा ही फल देता है। यदि राहु अकेला ही केंद्र या त्रिकोण में बैठ केंद्र या त्रिकोण के स्वामी के साथ युति करता है तो योग कारक बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु 3, 6 व 11 वें भाव में बलवान बनता है। शुक्र-राहु की युति जातक को कामुक बनाती हैं, वहीं इसकी गुरु के साथ युति गुरु चांडाल योग को जन्म देती है। हालांकि, गुरु व शुक्र जिस भाव के स्वामी होते है उसके अनुसार ही लाभ या नुकसान देते हैं। राहु-मंगल का वृश्चिक राशि से एक प्रकार का विषैला संबंध बनाता है जिसकी वजह से अफीम, गांजे, शराब और चरस के धंधे में राहु फायदा कराता है। राहु अगर शुभ बुध के साथ होता है तो वह जातक को एक अच्छा व्यापारी व वैज्ञानिक भी बनाता है। हालांकि, अशुभ स्थान पर स्थित बुध जातक के लिए अशुभ परिणाम लाता है।

राहु की अन्य कारक वस्तुओं में लाटरी तथा शेयर बाजार जैसे क्षेत्र, वैज्ञानिक तथा विशेष रूप से वे वैज्ञानिक जो अचानक ही अपने किसी नए अविष्कार के माध्यम से दुनिया भर में प्रसिद्ध हो जाते हैं, इंटरनैट से जुड़े हुए व्यवसाय तथा इन्हें करने वाले लोग, साफ्टवेयर क्षेत्र तथा इससे जुड़े लोग, तम्बाकू का व्यापार तथा सेवन, राजनयिक, राजनेता, राजदूत, विमान चालक, विदेशों में जाकर बसने वाले लोग, अजनबी, चोर, कैदी, नशे का व्यापार करने वाले लोग, सफाई कर्मचारी, कंप्यूटर प्रोग्रामर, ठग, धोखेबाज व्यक्ति, पंछी तथा विशेष रूप से कौवा, ससुराल पक्ष के लोग तथा विशेष रूप से ससुर तथा साला, बिजली का काम करने वाले लोग, कूड़ा-कचरा उठाने वाले लोग, एक आंख से ही देख पाने वाले लोग तथा ऐसे ही अन्य कई प्रकार के क्षेत्र तथा लोग आते हैं।

राहु का विशेष प्रभाव जातक को परा शक्तियों का ज्ञाता भी बना सकता है तथा किसी प्रकार का चमत्कारी अथवा जादूगर भी बना सकता है। दुनिया में विभिन्न मंचों पर अपने जादू के करतब दिखा कर लोगों को हैरान कर देने वाले जादूगर आम तौर पर इसी ग्रह के विशेष प्रभाव में होते हैं तथा काला जादू करने वाले लोग भी राहु के विशेष प्रभाव में ही होते हैं। राहु के प्रबल प्रभाव वाले जातक बातचीत अथवा बहस में आम तौर पर बुध के जातकों पर भी भारी पड़ जाते हैं तथा बहस के बीच में ही कुछ ऐसी बातें अथवा नए तथ्य सामने ले आते हैं जिससे इनका पलड़ा एकदम से भारी हो जाता है, हालांकि अधिकतर मामलों में बाद में इन्हें खुद भी आश्चर्य होता है कि ऐन मौके पर इन्हें उपयुक्त बात सूझ कैसे गई। ऐसा आम तौर पर राहु महाराज की माया के कारण होता है कि जातक मौका आने पर ऐसी बातें भी कह देता है जो खुद उसकी अपनी जानकारी में नहीं होतीं तथा अचानक ही उसके मुंह से निकल जातीं हैं।

राहु एक छाया ग्रह हैं तथा मनुष्य के शरीर में राहु वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्योतिष की गणनाओं के लिए ज्योतिषियों का एक वर्ग इन्हें पुरुष ग्रह मानता है जबकि ज्योतिषियों का एक अन्य वर्ग इन्हें स्त्री ग्रह मानता है। कुंडली में शुभ राहु का प्रबल प्रभाव कुंडली धारक को विदेशों की सैर करवा सकता है तथा उसे एक या एक से अधिक विदेशी भाषाओं का ज्ञान भी करवा सकता है।

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राहु के ख़राब होने से क्या होता है ।

कुंडली में राहु के बलहीन होने से अथवा किसी बुरे ग्रह के प्रभाव में होने से जातक को अपने जीवन में कई बार अचानक आने वाली हानियों तथा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातक बहुत सा धन कमा लेने के बावजूद भी उसे संचित करने में अथवा उस धन से संपत्ति बना लेने में आम तौर पर सक्षम नहीं हो पाते क्योंकि उनका कमाया धन साथ ही साथ खर्च होता रहता है।

राहु पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव कुंडली धारक को मानसिक रोगों, अनिद्रा के रोग, बुरे सपने आने की समस्या, त्वचा के रोगों तथा ऐसे ही अन्य कई बिमारियों से पीड़ित कर सकता है।

राहु और राजनीति का संबंध | कैसा हो राहु कि व्यक्ति को नेता बना दे

राहू को सभी ग्रहों में नीतिकारक ग्रह का दर्जा दिया गया है। इसका प्रभाव राजनीति के घर से होना चाहिए। राहु के शुभ प्रभाव से ही नीतियों के निर्माण व उन्हें लागू करने की क्षमता व्यक्ति विशेष में आती है। राजनीति के घर (दशम भाव) से राहु का संबंध बने तो राजनेता में स्थिति के अनुसार बात करने की योग्यता आती है। तीसरे, छठे भाव में स्तिथ उच्च का या मूल त्रिकोर का राहू भी बड़े राजनैतिक योग में सहायक है।राहु आज की राजनीति का हीरो है, कारण कि आज वर्तमान राजनीति में सफल होने के लिए राहु का अनुकूल और शुभ होना बहुत जरुरी है । यदि राहू अनुकूल परिणाम न दे तो जातक राजनीती में एक बार नहीं कई बार असफल हो जाता है ।

सफल राजनेताओं की कुंडली में राहु का संबंध छठे, सातवें, दसवे व ग्यारहवें भाव से देखा गया है। छठे भाव को सेवा का भाव कहते हैं। व्यक्ति में सेवा भाव होने के लिए इस भाव से दशम या दशमेश का संबंध होना चाहिए। सातवां भाव दशम से दशम है इसलिए इसे विशेष रूप से देखा जाता है।

राहु क्या है ?

1- राहू भ्रम है।

2- राहू छलावा है।

3- राहू दिमाग मे उठने वाले काल्पनिक विचार हैं।

4- जेल में बंद कैदी भी राहू है ।

5- राहू सफाई कर्मचारी है ।

6- स्टील के बर्तन भी राहू हैं।

7- हाथी दाँत की बनी सभी वस्तुएँ और नशे की सभी वस्तुएँ भी राहू है।

8- निंदा करने वाला मित्र भी राहू है।

9- दत्तक पुत्र, दर्द का टीका, जुआ, सट्टा, लाटरी और मुफ्त की वस्तु भी राहू है।

10- भ्रष्ट वकील और पाप की कमाई भी राहू है।

11- ना लौटाया हुआ कर्ज भी राहू है।

इस ग्रह का कुछ पता नहीं कि कब ये आपका मन बदल दे जैसे अचानक अपना फैसला बदल देना। किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना का दावेदार राहू ही होता है । आपको पता ही नही लगने देगा कि आप आने वाले कुछ घंटों में क्या करने वाले हैं या कहाँ जाने वाले हैं तो इसमें निस्संदेह राहू का आपसे कुछ नाता है। आप जानते हैं की आप झूठ की राह पर हैं परन्तु आपको लगता है की आप सही कर रहे हैं तो यह धारणा आपको देने वाला राहू ही है !

● किसी को धोखा देने की प्रवृत्ति राहू ही पैदा करता है यदि आप पकडे जाएँ तो इसमें भी आपके राहू का दोष है और यह स्थिति बार बार होगी इसलिए राहू का अनुसरण करना बंद करें क्योंकि यह जब बोलता है तो कुछ और सुनाई नहीं देता ।

● राहू रहस्य का कारक ग्रह है और तमाम रहस्य की परतें राहू की ही देन होती हैं । राहू वह झूठ है जो बहुत लुभावना लगता है । राहू झूठ का वह रूप है जो झूठ होते हुए भी सच जैसे प्रतीत होता है । राहू कम से कम सत्य तो कभी नहीं है ।

● जो सम्बन्ध असत्य की डोर से बंधे होते हैं या जो सम्बन्ध दिखावे के लिए होते हैं वे राहू के ही बनावटी सत्य हैं ।

● राहू व्यक्ति को झूठ बोलना सिखाता है बातें छिपाना, बात बदलना, किसी के विशवास को सफलता पूर्वक जीतने की कला राहू के अलावा कोई और ग्रह नहीं दे सकता ।

● राहू वह लालच है जिसमे व्यक्ति को कुछ अच्छा बुरा दिखाई नहीं देता केवल अपना स्वार्थ ही दिखाई देता है

● मांस मदिरा का सेवन, बुरी लत, चालाकी और क्रूरता, अचानक आने वाला गुस्सा, पीठ पीछे की वो बुराई, जो ये काम करे ये सब राहू की विशेषताएं हैं । असलियत को सामने न आने देना ही राहू की खासियत है।

झूठे, मक्कार, लालची और पापी लोग ही आजकल के युग मे ज्यादा सफल हैं क्योंकि इस कलयुग में राहू का ही बोलबाला है अतः आप अपने चंद्र, मंगल, गुरू और सूर्य को मजबूत रखिए और राहू रूपी धुँए से अपने जीवन को बचाइए।

अब जान लेते हैं की राहु का युति जब अन्य ग्रहों के साथ हो तो क्या परिणाम होता है और बुरे प्रभावों से बचने के लिए क्या करना चाहिये।

यहाँ पर राहु ग्रह के अन्य ग्रह के साथ संयोजन के हमारे जीवन पर प्रभाव और इनको दूर करने के ज्योतिषीय उपायों के बारे में बताया गया है –

राहु-सूर्य : इन दोनों ग्रहों के संयोजन को ग्रहण योग के रूप में जाना जाता है। यह व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और उसकी आँखे भी कमजोर हो जाती है। इस योग की वजह से उसके जीवन में मानहानि की संभावना बढ़ जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप नियमित रूप से सूर्य को पानी चढ़ाना चाहिए।

राहु-चन्द्रमा : चन्द्रमा और राहु ग्रह के संयोजन को भी ग्रहण योग के नाम से ही जाना जाता है। इन योग की वजह से मानसिक कमजोरी हो सकती है। इसकी वजह से आपको मानसिक स्थिति में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में आपको भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

राहु-मंगल : इन दोनों ग्रहों के साथ होने पर अंगारक योग का निर्माण होता है। यह आपके लिए क्रोध और दुर्घटना जैसी समस्याओं में वृद्धि करता है। इसकी वजह से आपके व्यवहार पर भी प्रभाव पड़ता है। इस योग से छुटकारा पाने के लिए आपको हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

राहु-बुध : इन दोनों ग्रहों के संयोजन की वजह से उत्पन्न होने वाला योग आपके बोलने की क्षमता और ज्ञान में समस्या पैदा करता है। इसकी वजह से कई बार आपको त्वचा से संबंधित समस्याओं का सामना करना भी पड़ सकता है। इन योग को दूर करने के लिए आपको सुबह के समय तुलसी के पत्ते खाने चाहिए और सूर्य को पानी चढ़ाना चाहिए।

राहु-बृहस्पति : इन दोनों ग्रहों के संयोजन को गुरुचण्डाल योग के नाम से जाना जाता है। इसकी वजह से आपके जीवन में नकारात्मकता बढ़ जाती है और वैवाहिक जीवन में भी समस्या आने लगती है। इन स्थिति में आपको धार्मिक राह पर चलना चाहिए। गीता का पाठ करना भी इस स्थिति में फायदेमंद हो सकता है।

राहु-शुक्र : राहु और शुक्र ग्रह का साथ होना आपके चरित्र में दोष पैदा करता है। इसकी वजह से छोटी उम्र में ही व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है। इसके प्रभाव से कई बार उस पर गलत इलज़ाम भी लग सकते है। आप शिव जी की पूजा कर के इस समस्या को दूर कर सकते है।

राहु-शनि : राहु और शनि ग्रह के संयोजन को नंदी योग के नाम से जाना जाता है। इसकी वजह से जीवन में कई उतार-चढाव और समस्यायें आती है। इस स्थिति से छुटकारा पाने के लिए आपको शनि देव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही आप दांये हाथ की मध्य ऊँगली में चांदी की अंगूठी भी पहन सकते है।

अब जान लेते हैं की ख़राब राहु का उपाय क्या है । अगर कुंडली में राहु ख़राब है तो क्या करें ।राहु से बचने का उपाय क्या है । बिलकुल आसान राहु का उपाय है की रोज रात को सोने से पहले आप गुनगुने पानी में नमक मिलाकर हाथ-पैर धोकर सोएं। ऐसा करने से राहु शांत होता है और अनावश्यक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही नमक शरीर का दर्द दूर करता है और तनाव मुक्त रखता है। इससे आप रात को चैन की नींद सो पाएंगे और सुबह फालतू परेशानियों से दूर रह पाएंगे।

रॉक सॉल्ट सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें आयरन-सोडियम के साथ ही शरीर के लिए कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इस रॉक सॉल्ट से बना लैंप घर के वातावरण को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घर में रॉक सॉल्ट लैंप रखने पर राहू के दोषों में लाभ मिलता है।